पहली दफा

Picture of leaves and cloud
उस दिन हवाओं ने कुछ अलग ही रूप लिया था,
शैतानियों कुछ नदानियो को खुद में शामिल किया था,
उस दिन हवाएँ अपनी सर्सराहत छोड सरगमें गाने लगी थी,
फिज़ाओं ने भी मुझे कूछ मधहोश सा किया था,
ऐसा एहसान हो भी क्यूं ना आखिर पहली दफा जो देखा था उन्हे उस दिन
उस दिन दिल घबराया था,
धड़कन का बड़ना भी हुआ था उस दिन,
नजरे थम गईं थी उन्के नूर पर,,
ऐसा कूछ हाल ए दिल उस दिन हमारा हुआ था,
हम तो दोस्तो के साथ उन ठहाकों में गुम थे,
अपनी ही यारियों की कहानियाँ गड रहे थे
पर उन्के एल तस्सवुर ने हमारी अलग दुनिया ही कायम कर दी,
जहाँ वो ठहाके मौन लग रहे थे
और वो छुपी सुनाई दे रही थी,
नजरें अभी भी उसी नूर पर थमी हुई थी,,
पर दिल परिंद बन उड़ रहा था,
ऐसा समा हो भी क्यूं ना,,
आखिर पहली दफा जो देखा था उन्हे उस दिन
उस दिन हर लव की स्टोरी होती है ये बाट दिल में बिठाई थी,
जब मेरी मुस्कान के जवाब में वो भी मुस्काई थी,,
हाए,, अब दिल से लेके मेरी आह तक वो बन गई थी,,
उस दिन पहली बार इसका एहसास हुआ की यार मुझे तो मोहब्बत हुई थी।
बस अब उनकी बनाई दुनिया में जीना शुरु कर दिया था,
उन्के एक दीदार के लिये पल -पल इन्तजार शुरु कर दिया था,
उस दिल उनकी हर अदा दिल में समा गई थी,
अब उनकी कशिश मेरी रूह तक आ गई थी,,
अब आंखे बन्द होने पर उनका ही अशक़ सामने आता था,,
और खुलने पर दिल बेचैन हो जाता था,
साथ ,,
साथ दोस्त कई रहे ,पर इन निगाहों को तलाश अब उनकी रहने लगीं,,,
उन्के हर अश्क़ की तस्वीर 
अब दिल में घर करने लगी,,
उनकी निगाहों में मैं मधहोश हो जाया करता था,,
शायद इसीलिये वो उस रोज ,,
उन निगाहों पर चशमे का पहरा लिये आई थीं।
मुझे उनसे मोहब्बत हुई है,
ये प्यार-ए-एज़्हार करना चाहता था,,
उन निगाहों में मधहोश क्या मैं तो डूबने को भी तैयार था।
पर इस मोहब्बत ने मुझे एक सीख सिखाई थी,
की
हर लव की स्टोरी तो होती है पर,,
फर्क होता है बस इतना की 
"कोई पूरी तो कोई अधूरी रहती है,,
लेकिन जहाँ वो रहती थी ,
उस दिल से आज भी यहि आवाज आती है
की,
जो आसानी से पूरी हो जाए,
वो तो सृफ्फ चाहत होती है,,
और जिसे पाने में मशक्कत हो
वही सच्ची मोहब्बत होती है ।

Dhairya Mehta

अनजान राहों में, कहानियों के ज़रिये मिलेंगे हम ये वादा है।

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