अब खास कुछ महसूस नही होता,
मगर जब भी होता है, बड़ी जोर से चुभता है
ना हंसता खूल कर,
ना रो पाता,
बस वही एक चित्र दिमाग मे आता
वो टिमटिमाते मीटर और वो दवाइयों की मेहेक,
ऊपर-नीचे जाती रेखा और नस पर लगी सुई,
दिल से निकले आँसू और जज़्बातों का भवंदर
जब होगा तुम्हारे हाथ मे मेरा हाथ,
और छोड़ जा रही होंगी सांसे मेरा साथ,
तब सिर्फ एक बार तुम्हें कहूंगा,
"आज ना जाना आप,
कुछ पल बस...
अपना समझ कर यूँही थम जाना,
और कोई जोभी हो उसे बस चंद लमहे यूँही भुल जाना,
कभी हक नही जताया, आज बस एक पल जताउंगा,
चाहत कब से है, वाकिफ तो शायद आप भी होगे
फुरसत मे कभी हमारी यादें तो टटोलना...
एक छोटा सा ख्वाब दिखेगा
आज सिर्फ वही तुम पूरा कर देना,
"आई लव यू जाना" मुसकरा कर सिर्फ ईतना हि कह देना
खुशी से, आंसू लिये,
मे यह जग तब छोड़ जाउँगा ।
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