एक दूसरे के आगे पीछे चला करते थे
एक ताल बनाते हुए एक दूसरे का साथ जो छोड़ नहीं पाते थे
साथ मिलकर जिन्होंने हमारे रास्ते इस कदर सवारे थे।
आज उनकी जगह किसी और के लेने पर जिस तरह वो खुद को संभाल रहे थे
कहीं ना कहीं उन्हें इस बात का एहसास हुआ था कि हम बनाए ही इसलिए गए थे।
एक के बिना दूजे का मोल नहीं साथ रहेंगे इसी तरह अगर तो आगे किसी गरीब के काम आयेंगे।