"हा, बच्ची हूं में।"

This picture shows a hands tangled in tape measures

   अक्सर, हर नया चेहरा मुझे यह केह जाता हैं, 
अक्सर, हर नया चेहरा मुझे यह केह जाता हैं,
"बच्ची हैं तू",  सिर्फ उम्र से बड़ी हैं तू।
"कितनी पतली हैं तू",  सिर्फ उम्र से बड़ी हैं तू।
" कैसी बच्चो सी आवाज़ हैं ", सिर्फ उम्र से बड़ी हैं तू।
"कुछ खाया कर ना",ध्यान रखा कर, "हवाओं से उड़ मत जाया कर"।

उस हर नए पुराने चेहरे का जवाब लेकर आई हूं;
उस हर नए पुराने चेहरे का जवाब लेकर आई हूं, के 
"हा बच्ची हूं में",
"हा पतली हूं में", क्योंकि हर नया पुराना चेहरा तोह मोटे होने पर भी सुना जाता हैं।

"हा बच्चो सी आवाज़ रखती हूं", क्योंकि कमबख्त आवाज़ बदलने पर भी हर नया पुराना चेहरा तोह "मतलबी" हैं तू ये सुना जाता हैं।

बेषक, मां के हाथ का भर पेट खाती हूं में,
बेषक, मां के हाथ का भर पेट खाती हूं मे;पर 
हर नए पुराने चेहरों का ताना सुन खाने को आसुओं के संग बहा देती हूं में। "क्या करू बच्ची हूं ना में"।

हा बच्ची हूं में, इस मतलबी दुनिया में हर नए पुराने चेहरे से "अच्छी हूं में"।

और रही बात हवाओं से उड़ने की ,
" तोह बेखौफ हूं में"।

"हौसला चाहती हूं", "उड़ना चाहती हूं" और असल में "मंज़िल पाना चाहती हूं", क्या करू "ज़ीदी हूं ना में"।
"हा बच्ची हूं में", "हा बच्ची हूं में"।
Priya.J

I am Priya.J from vapi , gujarat. Currently i am pursuing my Master's degree in management from Pune Institue of business management.

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