इसके सत्कार में हाथ यु ही उठ जाता है।
जो देश में सबसे ऊँचा लहराता है।।
जब बात हो तिरंगे की तो मन में जोश भर जाता है,
लहरे उठती उसकी,रुए यु खड़ा हो जाता है।
छाया में है हम इसके,
जो देश में सबसे ऊँचा लहराता है।।
तिरंगे की शान में यु मचल जाते है,
नस-नस में तूफान सा उठ जाता है।
चक्र समेटे ये रंगों का मेल,
देश में सबसे ऊँचा लहराता है।।
अस्तित्व है आजादी का, प्रतीक है स्वतंत्र आबादी का
न जाने कितने इतिहास समेटे बैठा है।
गैर से पढ़ो तिरंगे को,
जो देश में सबसे ऊँचा लहराता है।।
सबको हर्षित करने वाला, कफ़न बने सहीदो का
विश्व-स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करता है।
प्रतिष्ठा इसकी बानी रहे,
जो देश में सबसे ऊँचा लहराता है।।
जय हिंद...
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